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Whatsapp ने क्यू दी धमकी ?

व्हाट्सप्प के प्राइवेसी पॉलिसीस के और जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
2024 तक 535.8 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं के साथ भारत में प्रमुख रूप से उपयोग किया जाने वाला एक लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप  (Whatsapp)ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि अगर सरकार उसे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहती है तो वह भारत से बाहर निकल जाएगा। व्हाट्सएप अपने उपयोगकर्ताओं की चैट पर एन्क्रिप्शन सेवाएँ देता है । यह बयान इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडीआरय गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 के भीतर एक विशिष्ट नियम के खिलाफ व्हाट्सएप और मेटा की याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया था। व्हाट्सएप के इस बयान के बाद से किसी व्यक्ति की निजता का अधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार की महत्वपूर्ण पकड़ इन संवेदनशील संतुलन के महत्व पर बहस छिड़ गई है ।
फेक न्यूज़ और समाज में अस्थिरता पैदा करनेवाले सन्देश व्हाट्सप्प पे बहोत आसानीसे फॉरवर्ड और वायरल हो जाते है। मैसेज भेजने वाले अफवाह वाली खबरोको बिना उसकी सत्यता देखे फॉरवर्ड कर देते है जिस से की व्हाट्सप्प के सन्देशोंको “व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी का ज्ञान ” ऐसे सम्बोधन भी मिल जाते है।
ऐसी न्यूज़ से दंगे भड़कना , समाज में अस्थिरता आना, देश या सरकार खिलाफ जनताके बीच माहौल बनना जैसे परिणाम आते है और यही सब रोकने के लिए भारत सरकार ने कुछ नए आईटी नियमों को लाया है।

जाने क्या है नया आईटी नियम

आईटी नियमों के नियम 4(2) के अनुसार, मैसेजिंग सेवाएं प्रदान करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अदालत या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आदेश पर संदेश भेजने वाले की पहचान उजागर करना आवश्यक है। प्लेटफ़ॉर्म को सार्वजनिक व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, या बलात्कार, स्पष्ट यौन सामग्री, या बाल यौन शोषण जैसे अपराधों से जुड़ी स्थितियों में आदेश के अनुसार जानकारी भेजने का पालन करना होगा, जिसमें न्यूनतम पांच साल की जेल की सजा हो सकती है। इसके अलावा, विनियमन यह भी निर्दिष्ट करता है कि ऐसे मामलों में फेक न्यूज़ सबसे पहले जिसने फैलाई उस व्यक्ति की पहचान उजागर की जा सकती है।

 

व्हाट्सएप (Whatsapp) का बयान

व्हाट्सएप के अनुसार, ट्रैसेबिलिटी आवश्यकता का अनुपालन करने के लिए, इसके एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को बाधित करना होगा, जो इसके ग्राहकों की गोपनीयता और मुक्त भाषण के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।

व्हाट्सएप का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील तेजस करिया ने कहा “व्हाट्सप्प आने यूज़र्स को एन्ड टू एन्ड एन्क्रिप्शन और निजता की सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। ” और अगर व्हाट्सप्प के एन्ड टू एन्ड एन्क्रिप्शन तोड़ने की लिए बाध्य किया गया तो व्हाट्सप्प भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा।

 

वकील तेजस करिया ने यह भी कहा की अगर इन नए नियमों का व्हाट्सप्प को पालन करना है तो इन्हे बहोत ज्यादा सन्देश डाटा बहोत ज्यादा समय के लिए संगृहीत करना होग। कब और किस मैसेज के लिए डेक्रिप्शन की जरुरत है ये पता भी नहीं होगा।

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नफरत फैलाने वाले भाषण और हिंसा के लिए उकसाना

मंच पर समूह चैट के दुरुपयोग के कारण कुछ देशों में घृणा फैलाने वाले भाषण फैल गए हैं और हिंसा भड़क गई है, जिससे नुकसान को रोकने के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संतुलित करने की चुनौती पैदा हो गई है।

साइबरबुलिंग और उत्पीड़न

गुमनामी और संचार में आसानी साइबरबुलिंग और उत्पीड़न के लिए माहौल बना सकती है।

कोर्ट का बयान

चीफ जस्टिस न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया है, यह मानते हुए कि गोपनीयता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि प्रस्तावित नियम सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामलों में संदेश फ़ैलाने वाले का पता लगाने के लिए आवश्यक है, साथ ही यह भी बताया कि व्हाट्सएप (Whatsapp) और फेसबुक उपयोगकर्ता की जानकारी का मोनीटाइझ करते हैं और इसलिए व्हाट्सप्प और मेटा पूर्ण गोपनीयता सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते हैं।

 

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By sumit

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